सोमवार, 4 जुलाई 2016

आध्यात्म और हम

आध्यात्म का दीप अपनी प्रज्वलित ज्योत से संसार के तम को हर लेता है एवम् अखिल विश्व को सुख शांति ऐश्वर्य का सन्देश देता है , आध्यात्म वह क्षेत्र है वह प्रेरणा पुंज है जहाँ समस्त प्रकार के कष्टों का स्वतः निराकरण हो जाता है । आइये अपनी महान सनातन संस्कृति को समझे इसे सीखें आत्मसात करें एवम् अखिल विश्व के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए वैश्विक शांति समृद्धि की स्थापना हेतु अपना योगदान दें आज विश्व आपकी ओर आशा भरे दृगों से अपलक देख रहा है चहुँओर भय एवम् अराजकता विषाद करुण पुकार मची है इस स्थिति से मुक्ति दिलाने का सामर्थ्य केवल और केवल भारतवर्ष रखता है इसलिए आइये अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें वैश्विक शान्ति की स्थापना हेतु , किसी भी कार्य का श्रीगणेश स्वयं से करना चाहिए यही निति सम्मत होता है अस्तु सर्वप्रथम भारतवर्ष में सुख शान्ति ऐश्वर्य की संस्थापना सुनिश्चित करें तदुपरांत इस ज्योति के प्रकाश से हम अखिल विश्व को आलोकित करेंगे , यही तो हमारी संस्कृति रही है अर्वाचीन काल से इसे ही तो कहते है वसुधैव कुटुम्बकम्  ।   


       ------- आशुतोष स्नेहसागर मिश्रा 

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